Home

चुनावी वादा

धनंजय कलम से , मन की बात मन की बात कहे तो चुनावी वादा तो एकदम भानुमति का पिटारा बन गया है । एक से एक चुनासी वादा प्रगट हो रहा है । चुनावी वादा की बरसात मे चुनाव का…

दर्द

दर्द होता है । कौन कहता है कि मर्द को दर्द नहीं होता है । ये अलग बात है कि जो दर्द औरत को होता है, मर्द उसको महसूस भी नहीं कर सकता है । एक दर्द वो जो एक…

पालनहार

पालनहार , तुम्हारा खुद पे ज़ोर है ? कहने को तुम पालनहार हो , पर उनका क्या हो जिनका पालना सूना कर जाते हो । तुम पालनहार हो पर , किसी परिवार के पालनहार को अपने पास बुला लेते हो…

नवरात्रि 🙏

नवरात्रि का प्रथम दिवस है आज । नवरात्रि की पहली देवी शांत , सुशील, , सरल और दया से ओत-प्रोत माँ शैलजा देवी हैं । माता की दांये हाथ में त्रिशुल और बांये हाथ में कमल सुशोभित है । शैलपुत्रि…

चुनाव

चुनाव का मौसम एक बार फिर से छाया है। यूँ तो चुनाव का समय एक अवधी पर तय किया गया है पर हमारे यहाँ ऐसा कुछ दिखता नहीं।वैसे निश्चितता किसी चीज़ की है कहाँ? सबसे अधिक अनिश्चितता तो जीवन की…

परिवारवाद , family

परिवारवाद की राजनीती परिवारवाद की बहुत बात होती है । हर किसी का परिवार है , family है । सब कोई अपने परिवार के लिए करता है , जितना हो सके करता है । इसे क्या कहेंगे ? अपने परिवार…

सबका साथ सबका विकास

सबका साथ सबका विकास । सब एक समान है । बराबर हैं । पर क्या ऐसा है ? बराबर तो पांच उंगलियां नहीं हैं हमारे । ओर जब मिलकर एक मुट्ठी बनती है , तो यह जिसको लगती है वहीं…