परिवारवाद , family

परिवारवाद की राजनीती

परिवारवाद की बहुत बात होती है । हर किसी का परिवार है , family है । सब कोई अपने परिवार के लिए करता है , जितना हो सके करता है । इसे क्या कहेंगे ? अपने परिवार की देखभाल या परिवारवाद ?

एक actor का बेटा , actor बन गया तो ? परिवारवाद हो गया ? ऐसे कितने star sons हैं जो अपने पिता की तरह star नहीं बन सकें । उनका carrier लम्बा नहीं चल सका । वो सफल नहीं हुए तो वो , परिवारवाद की श्रेणी मे नहीं आएँगे । अगर ला भी दिया तो उसकी बात नही होगी ? होनी चाहिये । मेहनत उन्होंने भी की । कुछ कमिया रही होगी , luck की बात से भी इंकार नहीं कर सकते । जो कामयाब हैं , उनके परिवार से कोई यदि इस line मे है , उनका आशीर्वाद है , तो उसकी मेहनत , प्रतिभा और किस्मत को परिवारवाद के नाम पर झुठला नहीं सकते ।

Doctor का बेटा Doctor , Engineer का बेटा Engineer, Sportsman का बेटा Sportsman , यदि कोई बनता है तो क्या ये परिवारवाद होगा ? आज किसी से छिपा नहीं इनके पीछे बच्चों के साथ , उनके अभिभावक, शिक्षकों का ,कितना योगदान होता है ।

ये तथाकथित परिवारवाद कहां नहीं है । जो इसकी बात करते हैं , सम्भवतः उन्हें अपने गिरेबान मे झांकना चाहिए । ऎसी सोच मानसिक दिवालियेपन को दर्शाता है । राजनीति में भी वहीं बात लागू होती है । आप तभी तक बने रहेंगे जब तक उस लायक रहेंगे और ये फैसला जनता करती है । पहले सा अब कुछ नहीं । फिर पहले की बात क्यूँ ? कुछ बुरा है तो उससे सीख लेंं । उससे बचें । कुछ अच्छा है तो उसे अपनाये । जय भारत ।

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