पालनहार , तुम्हारा खुद पे ज़ोर है ? कहने को तुम पालनहार हो , पर उनका क्या हो जिनका पालना सूना कर जाते हो । तुम पालनहार हो पर , किसी परिवार के पालनहार को अपने पास बुला लेते हो । कभी ख़ुशी दी तो क्या अचानक से दुःख भी दोगे ? पालनहार ये तुम्हारा कैसा नियम है , कैसा रिवाज़ है ?

पालनहार पीड़ा तुमने भी सही है । दुख्-दर्द से अनभिज्ञ भी नहीं हो । पर कोई तुमसा सहनशील नहीं हो सकता , हिम्मतवाला नहीं हो सकता । तुम भगवान हो पर तुम्हारे बन्दे इंसान हैं । गलतियों का पुतला , छोटी छोटी बात पर घबराने वाले। पर वो भी तुम्हीं हो जो बड़ा से बड़ा दुःख को सहने की शक्ति देते हो । तुम चाहे जो कर लो , पर भगवान हम तुच्छ प्राणियों को तुम्हारी लीला समझ में नहीं आती , नाही सही लगती है । क्षमा करना प्रभु ।

मौसम कितना भी सुहाना हो , हर किसी जी लिए सुहाना नहीं होता । त्योहारों का भक्तिमय उल्लास भी कभी कभी हर किसी के लिए उल्लासमय नहीं होता । सबकी किस्मत एक सी नहीं होती । जहां दुनियां खुशियाँ मनाती है । वहीं कुछ घरों में मातम भी पसरा होता है । पालनहार , तेरे बच्चे इसे तेरी इच्छा मान लेते हैं । होनी मान लेते हैं । कोई करें भी तो क्या करें । किसी की मर्जी चलेगी भी तो कब तक ? जब तक ज़िन्दगी रहेगी और ज़िन्दगी होती है पालनहार के भरोसे ।

सब कुछ है राम भरोसे , करता सब भगवान ही है, फिर इंसान किस बात का घमंड करता है । नफ़रत नहीं मुहब्बत करो । आपका व्यव्हार ही रह जाता है । पालनहार वो नहीं ले जा सकता है ,केवल प्राण ही ले सकता है । प्रभु हर दिल मे बसते हो , उस दिल की पीड़ा को भी समझो । थोड़ा हँसने दे । ऐसे एकदम से दुःख ना दे प्रभु 🙏

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