
खुद को जलाओ तो जानोगे कि रौशनी बिखेरने का आनंद क्या है । किसी ने कुछ दिया , पाकर धन्य – धन्य हो गए । कोई है जो नित्य – नित्य जलता है तुम्हारे लिए । कोई है जो तुम्हारे अरमानो के लिए बिछ – बिछ जाता है । नहीं दिखता तुम्हें उसका मद्धिम पड़ता तेज । नहीं दिखता खाली होती तिजोरी । आपको अपना चेहरा तो दिखता होगा । आईना तो देखते ही होंगे । दिल चाहे कुछ भी बोले,अक्सर आपका सोचा ही बोलता है । पर आईना झूठ नहीं बोलता । ज़रा खड़ा हो जाएं आईने के सामने ।
बत्ति जल जाती है।तेल भी खत्म हो जाते हैं । दिया भी नया आ जाता है । पर नहीं बदलता है तो नियत , नियति , विधान । तरक्की तो इतनी कर ली है की हम इतिहास देखते हैं , बनाते है । यहाँ तक की बदल भी देते हैं । कल का नजरिया ,परस्थितियां कुछ और थी पर हम ना थे ,आप नहीं थे । बदलो नहीं बनाओ । सामने से आती गाड़ी से टक्करा जाते हैं या बगल से निकलते हैं ? side देते है ?ठीक है , आपकी अपनी राय है । जो कुछ भी हो । इसका कोई अंत नहीं है क्या ? विकास करें ,तरक्की करें ,पर इतिहास को बकवास और अपने को महान साबित करने के पीछे ये ना भूलें कि आपको क्या करना है , क्या करना चाहिए।
कल की तुलना आज से हर्गिज नहीं कर कर सकते।आपने खुद देखा होगा , महसूस किया होगा , कल क्या थे आज क्या हैं ? ऐसे लोग भी देंखे होंगे जो कल की गुणगान करते थे पर आज !!! बुद्धि का तो पता नहीं घटा या बढ़ा पर विचार ज़रूर बादल गया है ।
विचार तो जैसे चाय की चुस्की है । सुबह घर की, दुपहर बाहर की । फिर जो जब जहां पिला दे पी लेते है । पर हाँ testy होना चाहिये । 🤔
खैर …आपकी राय, आपके विचार हैं । किसी से गीला ना शिकवा । बस भला सबका करें । मन को पवित्र रखें ।मन को प्रकाशित रखें जग जगमग हो जाएगा ❤️🌹🙏