मन की बात

चुनावी वादा

धनंजय कलम से , मन की बात मन की बात कहे तो चुनावी वादा तो एकदम भानुमति का पिटारा बन गया है । एक से एक चुनासी वादा प्रगट हो रहा है । चुनावी वादा की बरसात मे चुनाव का…

दर्द

दर्द होता है । कौन कहता है कि मर्द को दर्द नहीं होता है । ये अलग बात है कि जो दर्द औरत को होता है, मर्द उसको महसूस भी नहीं कर सकता है । एक दर्द वो जो एक…

पालनहार

पालनहार , तुम्हारा खुद पे ज़ोर है ? कहने को तुम पालनहार हो , पर उनका क्या हो जिनका पालना सूना कर जाते हो । तुम पालनहार हो पर , किसी परिवार के पालनहार को अपने पास बुला लेते हो…

चुनाव

चुनाव का मौसम एक बार फिर से छाया है। यूँ तो चुनाव का समय एक अवधी पर तय किया गया है पर हमारे यहाँ ऐसा कुछ दिखता नहीं।वैसे निश्चितता किसी चीज़ की है कहाँ? सबसे अधिक अनिश्चितता तो जीवन की…

परिवारवाद , family

परिवारवाद की राजनीती परिवारवाद की बहुत बात होती है । हर किसी का परिवार है , family है । सब कोई अपने परिवार के लिए करता है , जितना हो सके करता है । इसे क्या कहेंगे ? अपने परिवार…

Tyoharo me tyohar election, Slection, Matdan, Vote , Politician

Tyoharo me tyohar election, Slection, Matdan, Vote त्योहारो में त्योहार इलेक्शन का मौसम है ।मगर अपने यहाँ चुनाव का मौसम तो हमेशा ही रहता है । कभी यहाँ तो कभी वहाँ । कभी इसका तो कभी उसका । 😛 चुनावी…