चुनावी वादा
धनंजय कलम से , मन की बात मन की बात कहे तो चुनावी वादा तो एकदम भानुमति का पिटारा बन गया है । एक से एक चुनासी वादा प्रगट हो रहा है । चुनावी वादा की बरसात मे चुनाव का…
धनंजय कलम से , मन की बात मन की बात कहे तो चुनावी वादा तो एकदम भानुमति का पिटारा बन गया है । एक से एक चुनासी वादा प्रगट हो रहा है । चुनावी वादा की बरसात मे चुनाव का…
चुनाव का मौसम एक बार फिर से छाया है। यूँ तो चुनाव का समय एक अवधी पर तय किया गया है पर हमारे यहाँ ऐसा कुछ दिखता नहीं।वैसे निश्चितता किसी चीज़ की है कहाँ? सबसे अधिक अनिश्चितता तो जीवन की…
परिवारवाद की राजनीती परिवारवाद की बहुत बात होती है । हर किसी का परिवार है , family है । सब कोई अपने परिवार के लिए करता है , जितना हो सके करता है । इसे क्या कहेंगे ? अपने परिवार…
सबका साथ सबका विकास । सब एक समान है । बराबर हैं । पर क्या ऐसा है ? बराबर तो पांच उंगलियां नहीं हैं हमारे । ओर जब मिलकर एक मुट्ठी बनती है , तो यह जिसको लगती है वहीं…
Tyoharo me tyohar election, Slection, Matdan, Vote त्योहारो में त्योहार इलेक्शन का मौसम है ।मगर अपने यहाँ चुनाव का मौसम तो हमेशा ही रहता है । कभी यहाँ तो कभी वहाँ । कभी इसका तो कभी उसका । 😛 चुनावी…
खुद को जलाओ तो जानोगे कि रौशनी बिखेरने का आनंद क्या है । किसी ने कुछ दिया , पाकर धन्य – धन्य हो गए । कोई है जो नित्य – नित्य जलता है तुम्हारे लिए । कोई है जो तुम्हारे…
हमेशा की तरह एक और नई सुबह । रोजमर्रा की ज़िंदगी पर निकले लोग ,आगे बढ़ने की होड़ । पीछे छूटते लोग , कुछ आपके ठोकर से गिरते लोग , जिन्हें आप शायद इंसान नहीं समझते । जल्दी मे था…