- Status 2. Standard 3. Amir-Garib 4. Equality 5. Truth 5. Messages
सबका साथ सबका विकास । सब एक समान है । बराबर हैं । पर क्या ऐसा है ? बराबर तो पांच उंगलियां नहीं हैं हमारे । ओर जब मिलकर एक मुट्ठी बनती है , तो यह जिसको लगती है वहीं समझ सकता है इसकी ताकत ।
बरबरी की बात करना और मानना शायद चलन की बात है , अन्यथा कोई छोटा , कोई बड़ा नही होता । अमीरी – गरीबी की दीवार ना होती । गरीब को आपसे कुछ चाहिये नहीं होता , बस मीठे बोल बोल दीजिये , सहारा दे दीजिये , वो मूस्कुरा उठता है ।
आज के गरीब पहले के गरीब नहीं हैं, लोग जिन्हें छोटा मानते थे । आज मेहनत से , अपनी काबिलियत से , तथाकथित बड़े के सामने , बराबरी मे खड़े हो जाते हैं । बराबर में, साथ में बैठते हैं । बढ़ते कदम का रोड़ा ना बने , स्वागत करें जैसे कि टमाटर का उठना – बैठना सेव के साथ हो जाता है । 🤣